राज धर्म
आज मुझे अटल जी बरबस याद आ गए साथ में मोदी जी का वह वकत्वय भी याद आ गया जो उन्होने प्रथम लौक डाउन के वक़्त दिया था कि यह कोरोना संकट काल है इसका सामना हमें राजनीतिक स्तर से ऊपर उठ कर , मिलजुल कर करना होगा | सभी घर के अंदर रहे अभी यही सच्ची देश भक्ती होगी |
प्रियंका जी के द्वारा भेजी गयी 1000 बसों में से लगभग 900 बसें ठीक पाये जाने के बाद भी उन्हें मजदूर हित में न लगाना , परिणामतः बसों का खाली लौट जाना मन को बुरी तरह से कचोट गया है |
गुजरात गोधरा कांड के वक़्त ठीक ऐसे ही शायद व्यथित हो कर ही अटल जी ने मोदी जी को कहा था कि राज धर्म का पालन करो पर आज अटल जी नही है |
मजदूर हित में भेजी गयी बसों के संदर्भ में आज मोदी जी को पूरे हिंदुस्तान में यह कहने वाला कोई नही है कि मोदी जी यह वक़्त राज धर्म पालन करने का है , बहुत ही दुखद स्थिति है यह |
प्रियंका जी ने तो अपना राज धर्म बखूबी निभाया , उन्होने मोदी जी के दिये वकतव्य का सम्मान करते हुए ही यह निर्णय लिया था |
बसों के संचालन के अड़चन के बाद उन्होने खुले दिल से कहा कि आप उन बसों में अपने झंडे , बैनर लगवा लो किंतु बसों को तत्काल रवाना करवा दो , परिणाम में लगभग 50000 मजदूर तत्काल घर पहुँच जायेंगे पर बहरी व्यवस्था के आगे उनकी एक न चली और न ही मोदी जी ने भी राज धर्म का पालन किया | हिंदुस्तान इसे याद अवश्य रखेगा |
आज मुझे अटल जी बरबस याद आ गए साथ में मोदी जी का वह वकत्वय भी याद आ गया जो उन्होने प्रथम लौक डाउन के वक़्त दिया था कि यह कोरोना संकट काल है इसका सामना हमें राजनीतिक स्तर से ऊपर उठ कर , मिलजुल कर करना होगा | सभी घर के अंदर रहे अभी यही सच्ची देश भक्ती होगी |
प्रियंका जी के द्वारा भेजी गयी 1000 बसों में से लगभग 900 बसें ठीक पाये जाने के बाद भी उन्हें मजदूर हित में न लगाना , परिणामतः बसों का खाली लौट जाना मन को बुरी तरह से कचोट गया है |
गुजरात गोधरा कांड के वक़्त ठीक ऐसे ही शायद व्यथित हो कर ही अटल जी ने मोदी जी को कहा था कि राज धर्म का पालन करो पर आज अटल जी नही है |
मजदूर हित में भेजी गयी बसों के संदर्भ में आज मोदी जी को पूरे हिंदुस्तान में यह कहने वाला कोई नही है कि मोदी जी यह वक़्त राज धर्म पालन करने का है , बहुत ही दुखद स्थिति है यह |
प्रियंका जी ने तो अपना राज धर्म बखूबी निभाया , उन्होने मोदी जी के दिये वकतव्य का सम्मान करते हुए ही यह निर्णय लिया था |
बसों के संचालन के अड़चन के बाद उन्होने खुले दिल से कहा कि आप उन बसों में अपने झंडे , बैनर लगवा लो किंतु बसों को तत्काल रवाना करवा दो , परिणाम में लगभग 50000 मजदूर तत्काल घर पहुँच जायेंगे पर बहरी व्यवस्था के आगे उनकी एक न चली और न ही मोदी जी ने भी राज धर्म का पालन किया | हिंदुस्तान इसे याद अवश्य रखेगा |
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