बुधवार, 13 मई 2020

Majdooron ki dagar

मैं विनम्रता के साथ अपनी भावनायें व्यक्त करना चाहता हूँ कि एक दिन हिंदुस्तान भी लौक डाउन की भयावह अव्यवस्था से अवश्य निकलेगा , मुझे पूर्ण विश्वास है | टाइम पास के लिये शराब बन्दी की बात यदि की जाये तो यहाँ राजनीति हो गयी | शराब बिक्री की इच्छा राज्यों पर छोडा , विरोधियों ने उन्हे ......शराब बंद करो कह कर घेरा | ज़रा इधर तो देखो , ये बाबू ने क्या कह दिया ! बिना पंजियन व रिकार्ड के मजदूरों को ट्रेन व बस में सफर का हक नही | ये विदेशी हो गए , आइडेन्टिटी कार्ड का मोल नही | कांकरीले पत्थर की डगर उनके नसीब में ....अरे यह क्या लिख गया उनकी तकदीर में | डगर की रेल पांतों पर तुम फिर कहीं सो न जाना , वोट लेंगें ये तुम्हारा , वोट से पहले कही तुम खो न जाना | छुपा कर अपनी उलझने , कह न दे ये कि गैरत अभी बाकी है , दे देना फिर वोट हमें ही , आपकेh मनोरंजन के लिए हमारी अनाडीपन की कई कारगुजारियां अभी बाकी हैं | dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">

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