अरुणाचल की सफलता
भारत सरकार के थिंक टेंक पर शायद यह एक करारा तमाचा हो सकता है | अरुणाचल प्रदेश के सियांग ज़िले लाइनेंग गांव के गांव बूढा य़ा बूढी के द्वारा , ज़िन्होने अपनी दूरदर्शिता से कोरोना की भयंकरता को समझते हुए 5 मार्च से अपने क्षेत्र में अंतराष्ट्रिय पर्यटको के आने में रोक लगा दी थी | उस वक़्त सत्ता धारी पार्टी कोरोना से बेपरवाह मध्य प्रदेश में सत्ता को पलटने मशगूल थी |
सुनने में ही बड़ा अजीब लगता है कि प्रारम्भ से ही इन्हे अपने देश की चिंता नही थी | 17 मार्च से अरुणाचल ने आपसी सहमती से भारतीय पर्यटकों को भी अपने क्षेत्र में आने से रोक दिया था | उस वक़्त तक सत्ताधारी दल मध्य प्रदेश में सत्ता हड़पने के अपने फाइनल राउन्ड पर थी और इधर अरुणाचल के गांव बूढा एवं बूढी (बुजूर्ग ) W .H .O . के दिशा निर्देशों को नागालेंड सहित अपने प्रदेशों में लोगो से कडाई से पालन करवा रही थी | इसी का सुखद परिणाम है कि आज अरुणाचल एवं नागालेंड कोरोना मुक्त प्रदेश हैं |
इन प्रदेशों की यह गौरवमयी स्थिति को देखते हुए यदि किसी जन साधारण के मन में यह ख्याल आ जाये कि काश इस क्षेत्र से ही यदि आज मेरा प्रधान मंत्री होता तो शायद भारत की यह दूर्दशा न होती और अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत चरीतार्थ न होती |
डा. वासुदेव यादव
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें