शनिवार, 16 मई 2020

Rice bran oil

लोक डाउन खुलने के बाद की बेरोजगारी की भयावह तश्विर मुझे चैन नही लेने दे रही थी कि ईरफान खान की केंसर से मौत मुझे बैचेन कर गयी ,मेरी बेतरतीब सांसे अभी ब्यवस्थित भी नही हुई थी कि ऋषिकपूर की भी केंसर से ही मौत मेरी सांसों को ओर उलझा गयी .......ओर मेरे चिंतन ने ...मन की बैचेनी ने अपना रुख किया केंसर की ओर ...मैने तलाशने की कोशिश की उसकी छोर | इन दो महान आत्माओ को मेरी ओर से यह एक श्रधांजली ही होगी .....यदि मैं समझा पाया की रिफाइन्ड तेल भी हैं केंसर की मजबूत डोर | तली चीजे खाने का शौक हैं जो जनमानस में .... पर उनहे मालूम होना ही चाहिये की जन्म दे रहा हैं यह केंसर को उसके तन में | आप भी चिंतन करें | बड़े पेमाने पर बीज से तेल निकालने के लिए पेट्रोलियम का एक पदार्थ 'हैक्जेन (केमिकल )का उपयोग किया जाता है। फिर ड़ीगमिंग की जाती हैं, दूर्गंध निकालने के लिए ,फिर ड़ी ओर्डराईजेसन व ब्लिच के पश्चात 2000 तापमान पर तेल को उबाला जाता है फिर ऐसेंस व प्रीज़रवेटीव डाल कर आपके सामने परोस दिया जाता है | स्मोक पोइन्ट लो होने से तेल मजबूर हैं अपनी संरचनायों से कि एक बार उबला तो उसके सारे गुण खत्म और बच जाता है मात्र कचरा , यह तेल गर्म होने के बाद धुआ टाइप का कुछ देती हैं यानि अणु टूटते हैं और फिर फ्री रेडीकल का जन्म होता है जो आपके स्वस्थ कोशिका में ज़म जाते हैं | प्रथमतः तो यह सुस्ती , कमजोरी , चक्कर , सिर दर्द , पेट दर्द , कबजियत .... फिर समय अंतराल में यह केंसर के रुप में अपना भयावह अवतार लेती है जो अंततः मनुष्य को असहनीय कष्टदायक मौत के जंगल में छोड़ देती है | ऐसी गंभीर परिस्थिती में विग्यापनों में न उलझ कर हमें स्वयं ही निर्णय लेना होगा कि हम मात्र फिल्टर य़ा कच्ची घानी का ही तेल खाये य़ा आयुश मन्त्रालय द्वारा प्रस्तावित राइस bran तेल जो पूर्णतः केमिकल फ्री होते हैं और इसका स्मोक पोइन्ट bhi काफी हाई होता है | भारत इसका एक बड़ा निर्यातक है तो क्यो न हम अपने देश का तेल खाये और स्वस्थ जीवन के अनन्त सुख के भागीदार बने | क्या मैने कुछ गलत लिखा ? आपकी राय मेरे लिए अमुल्य है |

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