सोनू सूद की निस्वार्थ कार्य शेली
सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद कि अन्त्तत: उन्होने भारत सरकार को , स्वयं के खरचे पर मजदूरों को घर पहुचाने का आदेश दिया , साथ ही हादसों की पूनरावृती न हो एवं उनकी सुविधायें और बढाई जायें , इस पर भी अपनी ज़िम्मेदारी तय करने की सलाह दी |
मन कुछ सुकुन का एहसास कर पाता कि झीरम कांड पर N .I .A . की जांच पर पब्लिक का सवालिया निशान लगाना कि जांच गंभीरता से नही हुई है , मन को पुन: व्यथित कर जाता है |
मैं सर को एक जोर का झटका देता हूँ कि सोनू सूद का चेहरा एक फरिश्ते की मानिन्द मेरी कल्पना में अवतरित हो जाता हैं कि किस तरह वे रात दिन प्रवासी मजदूरों के लिए समर्पण भाव से लगे हुए है | करोडो रू न्योछावर कर दिये और हवाई चप्पल को हवाई जहाज में बैठा दिया | उनके इस जज्बे को मैं बारम्बार प्रणाम करता हूँ |
सोनू सूद जी का प्रसंग आ गया तो मन कुछ हल्का हुआ | चाय आ चुकी थी | बरामदे में रखी कुर्सी पर बैठ कर मैं चाय की चुस्की का आनन्द लेने लगा कि सामने रखी अखबार की हैडिंग पर नजर पड़ी , लिखा था कि कोरोना संक्रमन के कठिन समय में उनके साहसिक नेतरत्व ने देश के करोडों लोगो में सुरक्षा का भाव पैदा किया | यहाँ यह कहने की आवश्यकता नही रह जाती है कि किस तरह वे देश में फैल रहे कोरोना संकरमन से अंजान बन शिवराज जी की ताजपोशी कर रहे थे जब की देश असुरक्षित था |
देश के साथ इससे ज्यादा गंदा मजाक कुछ और हो ही नही सकता था | सर दर्द से फटा जा रहा था | मैं व्याकुल था | टेबल पर रखी चाय ठंडी हो चुकी थी |
डा . वासु देव यादव
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